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मुंबई. पारिवारिक संस्कार व अपने माता-पिता द्वारा दिखाए हुए रास्ते पर चलकर आज दोनों भाई अश्वनी राय और डॉ अजित राय को एक अहम उपलब्धि की प्राप्ति हुई है. उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के रहने वाले इन दोनों भाइयों ने हिंदी पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी साहित्य के क्षेत्र में कामयाबी का झंडा फहरा दिया है.
 गांव की पगडंडियों से निकलकर महाराष्ट्र जैसे राज्य में जहां की मूल भाषा मराठी हो वहां पर हिंदी साहित्य के क्षेत्र में कामयाबी के झंडे फहराना किसी चुनौती से कम नहीं है. पिताजी की छाया तो अब नहीं रही लेकिन उनके और मां के आशीर्वाद से आज जिस मुकाम को हासिल किया है उसकी प्रशंसा करना इन शब्दों के बस की बात नहीं है. अश्वनी कुमार भोला और डॉ. अजीत राय दोनों भाइयों को क्रमश: महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी का स्वर्ण व रजत पुरस्कार मिला है.
मुंबई में आने के बाद दोनों भाइयों ने काफी संघर्ष किया. मजे की बात तो यह है कि मुंबई में जहां लोग कहते हैं कि पैसा उड़ता है, पकड़ने वाला चाहिए। लेकिन ये दोनों भाई कभी पैसे के पीछे भागे नहीं, बल्कि इन दोनों ने अपने ज्ञान को बढ़ाया और इसका फल आज सबके सामने है. 
महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी, मुंबई द्वारा रंगशारदा सभागार बांद्रा पं. मुंबई में आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में दोनों भाइयों को सम्मानित किया गया. अश्वनी कुमार भोला को लोक साहित्य विधा में उनकी पुस्तक 'लोक बयार' के लिए फणीश्वरनाथ रेणू पुरस्कार (स्वर्ण ) और डॉ. अजीत राय को उनकी पुस्तक 'लम्बी कविता अवधारणा, स्वरूप एवं परंपरा' के लिए समीक्षा विधा में आचार्य नंद दुलार वाजपेयी पुरस्कार (रजत) प्रदान किया गया.
उनकी इस उपलब्धि से न सिर्फ उनके परिवार में खुशियां हैं बल्कि उनके चाहने वालों में भी हर्ष का माहौल है. लोग फोन कर एवं मिल कर दोनों भाइयों को शुभकामनाएं, बधाईयां दे रहे हैं. साथ ही यह भी उम्मीद जता रहे हैं कि ऐसे ही निरंतर वह इसी तरह का कार्य करते रहें. गौरतलब हो कि दोनों भाई आल इंडिया रेडियो पर भी अपनी रचनाओं की प्रस्तुति देते रहे हैं.

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