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मुम्बई। एक नारी जिसने पिछले 4-5 सालों मे शिक्षा की दुनिया मे एक नया आयाम हासिल किया। एक साधारण परिवार में जन्म लेने के बाद कैसे उन्होंने अपनी CA की शिक्षा पूरी की और कैसे आज वह समाज में सीए विद्यार्थीयों को शिक्षित कर रही हैं ? 

प्रस्तुत है सीए खुशबू गिरीश सांघवी के साथ एक चर्चा के कुछ अंश:-

प्रश्न : आज इस मुकाम पर पहुँचकर आप कैसा महसूस करती हैं ?

खुशबू : काफी अच्छा लगता है, खुशी होती है। 

मेरे मम्मी पापा ज्यादा पढ़े लिखे नहीं है पर उनकी इच्छा थी कि उनके बच्चे अच्छी शिक्षा ग्रहण करें, उनका  सपना पूरा करने के लिये मेरी यह एक छोटी सी कोशिश थी।

प्रश्न : सुना है कि आपने पहले साइंस तक की पढाई की  फिर एकदम से साइंस छोडकर CA की पढाई कैसे शुरू कर दी ?

खुशबू : हाँ यह सच है कि मैं पहले साइंस की विद्यार्थी थी। परंतु वह काफी महंगी पढ़ाई थी और उतने पैसे उस समय हमारे पास नहीं थे। इसलिये मैंने डॉक्टर बनने के सपने को छोड़ दी और अपने माँ - बाप के कहे अनुसार CA बनने के सफर पर चल पड़ी। CA की पढाई में साइंस जितना खर्चा नहीं होता है।

प्रश्न : CA की पढाई भी तो महंगी होती होगी, तो आपको उसके लिये भी कुछ तकलीफे उठानी पड़ी होगी ?

खुशबू : तकलीफे तो हर जगह होती है पर हमको उनके बारे में सोचने के बजाय, उनको दूर करने के बारे में सोचना चाहिए। मेरे पापा ने मेरी CA की पढ़ाई के लिए एक संस्था से लोन लिया था, ताकि मैं आसानी से अपनी पढ़ाई पूरी कर सकूँ।

प्रश्न : आज आप समाज सेवा के लिए पहचानी जाती हैं। कोविड-19 में 7000 से ज्यादा बच्चों को आपने मुफ्त में शिक्षा दी थी। उसके अलावा आप काफी सारे संस्थान से जुड़ी हुई हैं, जो बुजुर्ग लोगों की सेवा में लगे हुए हैं। आपको यह प्रेरणा कहां से मिली ?

खुशबू : हर शख्स की लाइफ में कोई न कोई प्रेरणा होती है। और मेरी लाइफ की प्रेरणा मेरे गुरु CA महेश गौड़ सर हैं।

मैंने हमेशा उनको निस्वार्थ भाव से लोगों की सेवा करते देखा है, उनसे ही मैंने एक चीज सीखी है कि समाज का अपने ऊपर एक ऋण होता है और हमको वह चुकाना चाहिए।

प्रश्न : आप मेकेडेमी प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर हैं, गौड़'स ई लर्निंग में पार्टनर है और खुशबू गिरीश सांघवी एंड एसोसिएट में प्रोप्राइटर हैं। हमने सुना है कि अभी अभी आपकी शादी भी हुई है तो, आप पर नए घर की जिम्मेदारियां भी होगी, इतना सब आप कैसे मैनेज कर पाती हैं ?

खुशबू : बिजनेस में मुझे मेरे गुरु का मार्गदर्शन मिलता रहता है और मेरी टीम का मुझे पूरा सहयोग मिलता है। रही बात शादी की तो मेरे सास और ससुर जी ने हमेशा मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया है और मेरे पति हमेशा मुझे सपोर्ट करते हैं ।

 मुझे कभी लगा ही नहीं कि मैं अपने ससुराल में हूं, मुझे यहां वैसा ही प्यार मिलता है जैसा मुझे मेरे मम्मी पापा के वहां मिलता था। और इस तरह के वातावरण में चीजों को संभालना काफी सरल हो जाता है।

प्रश्न : आप अपनी सफलता का श्रेय किसे देती हैं ?

खुशबू : अपनी मम्मी दक्षा बेन, पापा गिरीश सांघवी और मेरे गुरु महेश गौड़ सर को।

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