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मुम्बई। जो इंसान अपनी जड़ों से जुड़ा होता है वह लाख आंधी तूफान आए या कोई मुसीबत आए कभी हार नहीं मानता। हर तकलीफों का सामना करते हुए वह अधिक मजबूती से खड़ा रहता है और इंसान की यह बुनियादी चीजें हैं उसके संस्कार, संस्कृति और अपने परिवार के प्रति प्यार। काव्या किरण भी इन्हीं सिद्धान्तों से बंधी है। अभिनेत्री काव्या किरण उड़ीसा राज्य की राजधानी भुवनेश्वर की रहने वाली है। काफी समय से उनका पूरा परिवार माया नगरी मुम्बई में रह रहा है। काव्या बचपन में अंतर्मुखी और शर्मीली प्रवृत्ति की थी। जिसके कारण परिवार वाले यही सोचते थे कि यह अपने जीवन में आगे का सफर कैसे तय करेगी लेकिन अपनी हिम्मत और जुनून से इन्होंने सिद्ध कर दिया कि वह किसी से कम नहीं है और हर कार्य को सहजता, निडरता से करने में सक्षम है। उनके परिवार ने भी उनका भरपूर साथ दिया और उनके साथ हमेशा खड़े रहे। काव्या ने क्लासिकल नृत्य सीखा है और अपनी पढ़ाई पूरी करने के साथ साथ पार्ट टाइम जॉब भी की। लेकिन फिल्मों के प्रति आकर्षण के कारण मायानगरी से दूर नहीं रह पायी। अपने सपने को पूरा करने के लिए मॉडलिंग और अभिनय की दुनिया में कदम रखा और उनका यह कदम उनको उनके बेहतर भविष्य की ओर लेकर गया। उन्होंने बीएसएनएल, हॉट एन डुए परफ्यूम जैसे कई विज्ञापनों में काम किया है। इसके अलावा सौ से भी अधिक ज्वेलरी, साड़ी, सलवार आदि प्रिंट के लिए विज्ञापन भी किये हैं। काव्या निरंतर काम करते रहने पर विश्वास रखती है।

नीरज पाठक की आगामी मल्टी स्टारर वेब सीरीज़ 'इस्पेक्टर अविनाश' में वह काम कर रही है। जिसमें रणदीप हुड्डा मुख्य भूमिका में हैं, इसमें काव्या के अपोजिट फ्रेडी दारूवाला हैं जो जल्द ही रिलीज होने वाली है। यह एक वास्तविक जीवन पर आधारित कहानी है। जो नब्बे के दशक की रहस्य व रोमांच से भरी कथा है। इसमें काव्या का किरदार काफी इंट्रेस्टिंग है। उनकी वन शॉर्ट मूवी 'थर्टीन' और फिल्म 'तो ना रा माने हां' जल्द दर्शकों के मध्य आएगी। काव्या के पास आगामी कई प्रोजेक्ट हैं। हिंदी फिल्म में सुखविंदर सिंह के साथ ‘नर्तकी' एवं सेवन सीरीज प्रोडक्शन की हिंदी फिल्म 'चॉपर' की शूटिंग कर रही हैं।

हाल ही में राजीव मोहंती की उड़िया फ़िल्म 'भोका' में उन्होंने काम किया था। यह एक लोअर मिडिल क्लास फैमिली की रियल लाइफ कहानी है जो शहरों में आकर जीवन बिताते हैं। यह कोरोना महामारी के कारण उस परिवार की जिंदगी की उथल पुथल की कहानी है। इस फिल्म को दर्शकों का और क्रिटिक्स का ढेर सारा प्यार मिला और वाहवाही मिली यह फिल्म कई फिल्म फेस्टिवल में जाने वाली है। काव्या ने हिंदी और उड़िया फिल्मों, म्यूजिक एल्बम, वेब सीरीज, शार्ट फिल्मों तथा विज्ञापनों में काम किया है। काव्या को उड़िया फिल्म 'खुशी' के लिए उड़ीसा सरकार द्वारा सन 2019 में बेस्ट एक्ट्रेस का अवार्ड मिल चुका है। फिल्म 'भोका' के लिए वह चलचित्र अवार्ड से सम्मानित हो चुकी है। इंडियन इंडिविजुअल एक्सीलेंस में इंडियन ग्लोरी सम्मान से भी वह सम्मानित हो चुकी है।

 इससे पहले उन्होंने 'रंग ए इश्क, रामरतन, इश्कियत' फिल्म में काम किया है। साथ ही टी सीरीज़ के प्रमोशनल सॉन्ग 'नशा मेनू चढ़ गया' में भी वह दिखायी दी। उड़िया फ़िल्म 'रहस्य द मिस्ट्री' और 'रघु सागर' में भी वह अहम भूमिका में है। इनकी शार्ट फ़िल्म 'फफूंदी' एक रेप विक्टिम के जीवन के संघर्ष और चुनौतियों की कहानी है। राजीव वालिया की मिनिस्ट्री डॉक्यूमेंट्री सांग 'बेटियाँ' का भी वह हिस्सा रही। 'पतंगी' म्यूजिक वीडियो में वह काम कर चुकी है, साथ ही ओड़िया वेब फिल्म 'एक्सपोज' उनकी हालिया वेब सीरीज है जिसमें उनके काम को सराहा गया है।

 काव्य का मानना है कि अपने सपनों को पूरा करने से पहले आपको आर्थिक रूप से संपन्न हो जाना चाहिए उसके बाद अपने सपनों की दुनिया में या फिर अपनी ख्वाहिशों की दुनिया में आगे बढ़ना चाहिए ताकि यदि प्रारंभिक समय में असफलता भी मिले तो आप टूटे नहीं आपका आत्मविश्वास बना रहे और बेरोजगारी के कारण आपको डिप्रेशन की समस्या ना हो। इसके लिए अगर आपको छोटी सीढ़ी चढ़कर भी आगे जाना पड़े तो वह भी सही है। उनका विचार है कि हर महिला शक्ति का रूप है। उनको स्वयं को पहचानना जरूरी है। केवल फेमस होने के लिए उन्हें अश्लीलता या नग्नता नहीं अपनानी चाहिए क्योंकि सिनेमा जगत कई लोगों का प्रेरणा स्रोत है। आज जनता स्वयं समझदार है आप अपने कार्यों से स्वयं अपना इमेज जनता के बीच बना सकती हैं। काव्या अध्यात्म से जुड़ी शख्सियत है। अभिनय के क्षेत्र में वह श्रीदेवी, काजोल, कंगना रनौत, शाहरुख खान और ऋतिक की सराहना करती हैं। काव्या का मानना है कि समाज सिनेमा का अनुसरण करता है अतः आज डिजिटल प्लेटफार्म में दिखाई गई फ़िल्म, वेब सीरीज़, शार्ट फिल्म में अनावश्यक दृश्यों को दिखाए जाने से परहेज करना चाहिए।

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