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मुंबई। फेसबुक और वाट्सएप सोशल मीडिया के माध्यम से पांच-छह दोस्त मिल गए और उसमें से नवी उम्मेद नाम का यह परिवार बना। इन परिवार के सदस्यों के लिए दोस्ती सभा और सदस्यों का जन्मदिन एक साथ परिवार रखने के लिए मनाया जाता है और कुछ छोटे और बड़े आयोजन किया जाता है।

 श्रीमती अनामिका राजेश हल्दनकर के दूसरे पुत्र कुमार सोहम हल्दनकर के जन्मदिन के अवसर पर, नवी उम्मेद के सभी सदस्यों के मत द्वारा एक आश्रम में दौरा करने और आश्रम को एक अति आवश्यक वस्तु दान करने का निर्णय लिया गया। इसी के तहत कल्याण स्थित साद फाउंडेशन की ओर से मानव बाल गृह को एक फ्रिज भेंट किया गया। सभी बच्चों ने अपना परिचय दिया और अतिथियों का स्वागत किया। फिर उन्होंने सोहम का जन्मदिन बड़े उत्साह के साथ मनाया और उन्हें एक उपहार दिया जो उन्होंने बनाया था। बाद में आश्रम के बच्चों ने गीतों की धुन पर मनमोहक नृत्य कर अतिथियों का दिल जीत लिया। इस आश्रम में रहने वाले बच्चे गली के बच्चे, जिस्म बेचने वाली महिलाएं और इस आश्रम में अनाथ बच्चों के इस गतिविधि को करते हुए स्टाफ सहित संस्था के सभी बच्चे खुश हुए। नवी उम्मेद परिवार द्वारा संस्था को दिया गया उपहार बहुत मूल्यवान है क्योंकि वे इसका इंतजार कई सालों से कर रहे थे और उस इंतजार को नवी उम्मेद परिवार ने सोहम का जन्मदिन मनाकर पूरा किया। इसके लिए संगीता मसगे, चंद्रकांत राणे, रेखा नीलेश कोकमकर, निकेश पोवलेकर, सुभाष नामगुडे, श्रीमती श्वेता परब, प्रकाश मंटोडे, राजेश हल्दनकर, श्रीमती अनामिका हल्दनकर, सिस्टम सालगांवकर, सोनाली शिरकर, स्नेहा संतोष पारकर आदि ने आर्थिक सहयोग किया। कार्यक्रम का संचालन नीलेश कोकमकर ने किया। इसके लिए संस्था की पदाधिकारी श्रीमती संगीता सत्यम ने बहुमूल्य सहयोग प्रदान किया। इस अवसर पर नवी उम्मेद एवं साद फाउंडेशन के कर्मचारी मौजूद थे। हल्दनकर परिवार और सिस्टम सालगांवकर ने बच्चों के लिए भोजन की व्यवस्था की। वह अपने नए परिवार के साथ कुछ और समय बिताना चाहता था। हालांकि, उन्होंने यह भी राय व्यक्त की कि अगली बार कम से कम एक मैत्रीपूर्ण यात्रा दी जानी चाहिए। 

अंत में, नीलेश कोकमकर और राजेश हल्दनकर ने एक छोटा दौरा किया और बच्चों को अलविदा कहा। परिवार के सदस्यों ने भविष्य में भी इसी तरह की गतिविधियों को अंजाम देने की इच्छा व्यक्त की।

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