मुंबई। मुंबई में रहने वाले एक व्यक्ती ने बैरिएट्रिक सर्जरी द्वारा अपना 43 किलो वजन घटाया है। इस व्यक्ती का वजन 122 किलो से अब 79 किलो हो गया है।
निलेश तिवारी 13 साल के थे तब उनका एक सड़क दुर्घटना में मरीज का दाहिना पैर कट गया था। घर में रहने ने कारण उनका वजन काफी बढ़कर 100 किलो हो गया था। 27 साल की उम्र में उन्होंने 100 किलो को पार कर लिया। दो साल पहले भी गंभीर कोविड -19 संक्रमण से पीड़ित थे। स्टेरॉयड द्वारा किए गए इलाज के कारण उनके दोनों कूल्हे का एवस्कुलर नेक्रोसिस हो गया था। जिससे उनकी समस्या बढ़ गई थी। नौ महिने पहले उन्होंने मोटापे के इलाज के लिए लैप्रोस्कोपिक स्लीव गैस्ट्रेक्टोमी सर्जरी कराई। इस सर्जरी द्वारा उन्होंने 43 किलो वजन कम किया है। उन्होंने अपना व्यवसाय फिर से शुरू कर दिया है और बहुत अच्छा कर रहे हैं।
जुलाई 2020 में उन्हें कोरोना का संसर्ग हुआ था। वह तीन सप्ताह से अधिक समय तक अस्पताल में उनका इलाज शुरू था। जिसमें से वे 10 दिनों तक आईसीयू में रहे और उनका इलाज एनआईवी सपोर्ट, एंटी-वायरल दवाओं और स्टेरॉयड से किया गया। वह कोविड से ठीक हो गए लेकिन जल्द ही दोनों कूल्हे के जोड़ों में तेज दर्द होने लगा। इस दौरान उनका वजन और भी बढ़ गया था। वह यात्रा करने में सक्षम नहीं था और इससे उसका काम प्रभावित हुआ। उन्होंने एक आर्थोपेडिक सर्जन, डॉ सैफुद्दीन नदवी से संपर्क की, जिन्होंने उन्हें दोनों कूल्हे जोड़ों के स्टेरॉयड-प्रेरित एवस्कुलर नेक्रोसिस का निदान किया और उन्हें कूल्हे के जोड़ों में दर्द में मदद करने के लिए जल्द से जल्द वजन कम करने की सलाह दी। इसके बाद मरीज ने अपोलो स्पेक्ट्रा अस्पताल में डॉ अपर्णा गोविल भास्कर से संपर्क किया।
अपोलो स्पेक्ट्रा अस्पताल के बॅरिएट्रिक सर्जन डॉ. अपर्णा गोविल भास्कर ने कहा कि मरीज का वजन 122 किलोग्राम और बॉडी मास इंडेक्स 42.2 किलोग्राम था। मरीज की सलाह से उस पर बॅरिएट्रिक सर्जरी कराई गई। गंभीर मोटापे के रोगियों में निरंतर वजन घटाने के लिए बैरिएट्रिक सर्जरी एकमात्र प्रभावी तरीका है। गैस्ट्रिक स्लीव ऑपरेशन में, सर्जिकल स्टेपलर का उपयोग करके पेट को लंबवत रूप से विभाजित किया जाता है और एक आस्तीन जैसी थैली बनाई जाती है। यह भोजन की मात्रा को सीमित करता है, जल्दी तृप्ति की ओर जाता है, भूख कम करता है और कई हार्मोनल परिवर्तन का कारण बनता है, जिससे वजन कम होता है।
बेरिएट्रिक न्यूट्रिशनिस्ट मरियम लकड़ावाला ने कहा कि बेरिएट्रिक सर्जरी के बाद पोषण पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। जीवनशैली में बदलाव पोस्ट-बेरिएट्रिक सर्जरी के मरीज को उनके आहार की गुणवत्ता में सुधार करने और उन्हें अधिक पोषक तत्वों से भरपूर बनाने में मदद करती हैं। स्वास्थ्य आहार, नियमित पूरकता और मध्यम शारीरिक गतिविधि रोगियों को सर्जरी के बाद स्वस्थ तरीके से वजन कम करने में मदद करती है।
डॉ. भास्कर ने आगे कहा कि मरीज ने पिछले 9 महीनों में 43 किलो वजन कम किया है। उसके कूल्हे के जोड़ों का दर्द काफी कम हो गया है। ऐसी कई रिपोर्ट हैं जिन्होंने इस मरीज के मामले में मोटापे को कोविड-19 की अधिक गंभीर बीमारियों के विकास के लिए एक जोखिम कारक के रूप में जोड़ा है। पोस्ट- मोटापे के मरीज में कोविड का ठीक होना भी चुनौतीपूर्ण है। उनके मामले में स्टेरॉयड के उपयोग से कूल्हे के जोड़ों का एवस्कुलर नेक्रोसिस हो गया। इसने उनकी गतिशीलता कम कर दिया जिससे बदले में अधिक वजन बढ़ गया, इस प्रकार एक दुष्चक्र बन गया। उनके जैसे मरीजों के लिए बैरिएट्रिक सर्जरी एक वरदान है। इस सर्जरी के कारण उन्होंने अपना वजन कम किया है।
मरीज तिवारी ने कहा कि अपघात के कारण मेरी जिंदगी पूरी तरह से दुसरेपर निर्भर थी। शारीरिक गतिविधीयां कम होने के कारण मेरा वजन 122 किलो हो गया था। इसमे मुझे कोविड-19 का संक्रमण हुआ। मैं 10 दिनों के लिए आईसीयू में था और स्टेरॉयड के साथ इलाज कराना पड़ा। स्टेरॉईड के कारण मेरे दोनों कूल्हे जोड़ों के स्टेरॉयड-प्रेरित एवस्कुलर नेक्रोसिस हुआ था। मेरी तबीयत खराब हो गई और मैं अपने दैनिक काम भी आसानी से नहीं कर पा रहा था। मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे डॉ. अपर्णा भास्कर और मरियम लकड़ावाला की मदद से समय पर हस्तक्षेप करने का अवसर मिला। मुझे मेरी जिंदगी वापस देने के लिए मैं उनका शुक्रगुजार हूं। मुझे बेरिएट्रिक सर्जरी के बाद दूसरा जीवन मिला है। मैं आने वाले महीनों में कुछ और वजन कम करने की उम्मीद कर रहा हूं।
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