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अस्थिरता शेयर बाजार का एक अंतर्निहित पहलू है। यह एक अपरिहार्य घटना है क्योंकि शेयर बाजार ऐसे फेक्टरों के कारण उतार-चढ़ाव से गुजरता है जिनका सटीक अनुमान नहीं लगाया जा सकता। हेल्दी लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटजी का सार सही तरीके से अस्थिरता से जुड़े पहलू का आकलन करना और उसमें भी विजेता के रूप में उभरना है। इस मामले में सफलता हासिल करने के लिए अलग-अलग संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए विशिष्ट स्ट्रैटेजी तैयार करने की आवश्यकता होती है, जो निवेशक को बाजार की अस्थिरता में भी आगे की ओर ले जाने में सहायता करती है। स्टॉक मार्केट की इस अस्थिरता से निपटने के लिए आवश्यक पहलुओं के बारे में जानकारी दे रहें हैं जयकिशन परमार, सीनियर इक्विटी रिसर्च एनालिस्ट, एंजल ब्रोकिंग लिमिटेड।

अस्थिर बाजार के संकेतों को देखना सीखें: स्टॉक मार्केट की अस्थिरता से निपटना है तो पहला सबक यह है कि आपको इसे स्पॉट करना समझना होगा। तभी तो आप आगे बढ़ने के लिए सही तरीका तय कर सकेंगे। पहली और सबसे महत्वपूर्ण बात, अस्थिर मार्केट की दो प्रमुख विशेषताएं हैं- कीमत में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव और बहुत ज्यादा ट्रेडिंग। आमतौर पर, यह ट्रेड ऑर्डर्स में असंतुलन दिखाता है। कुछ परिदृश्यों में यह सख्त आर्थिक उपायों, कंपनी के समाचार या लोकप्रिय इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (आईपीओ) के कारण होता है। अस्थिर बाजार के शुरुआती संकेतों का आकलन डे ट्रेडर्स, शॉर्ट-सेलर्स और संस्थागत निवेशकों की गतिविधियों को देखकर भी किया जा सकता है।

अस्थिर बाजार में निवेश करने से बचें: अस्थिरता को हैंडल करने का व्यावहारिक नजरिया यह है कि इसमें ट्रेडिंग करने से बचें। यहां सुझाव यह है कि जब आपको अंदाजा हो जाए कि बाजार अस्थिर है तो आप भी उतार-चढ़ाव से दूर रहें। कम कीमतें बाजार में निवेश का सही संकेत नहीं हैं। इस बात की कोई निश्चितता नहीं है कि कम मूल्य वाले शेयरों में समय के साथ मूल्य में वृद्धि होगी। वास्तव में, मूल्य आगे चलकर आपको मूल्य जाल में फंसा सकता है।

निवेशक को यह सिफारिश की जाती है कि वह स्टॉक के ट्रैक रिकॉर्ड और बुनियादी बातों का सावधानीपूर्वक विश्लेषण करें। राजस्व वृद्धि, ऋण-से-इक्विटी का अनुपात और भविष्य की क्षमता जैसे फेक्टरों पर सावधानीपूर्वक विचार करें। इससे यह निर्धारित करना आसान होगा कि क्या स्टॉक के इतिहास में अस्थिरता है, जिससे हमें इसमें निवेश करने से बचना चाहिए।

बाजार में अंदर-बाहर होने से बचें: एक अस्थिर बाजार का शिकार बनने से बचने और स्थिरता के साथ खड़े होने का एक और सबक है आपकी इंट्री और सही तरह से उसमें से बाहर निकलना। चूंकि, यहां कई फेक्टर महत्वपूर्ण होते हैं, अनुभवी निवेशकों के लिए भी बाजार में सही समय का चुनाव करना एक चुनौती हो सकता है। शुरुआत में, आपको कोई भी एक्शन घबराहट में जल्दबाजी की वजह से नहीं लेना चाहिए। इससे बचें। निवेश की सुरक्षा के लिए अपने स्टॉक को जल्दी से न बेचें।

स्टॉक मार्केट में गिरावट होने पर निवेशक भावुक हो जाता है और उसे लगता है कि उसने पैसा गंवा दिया। हालांकि, ध्यान रखें कि जब तक आप किसी स्टॉक को बेचने नहीं है, तब तक आपका एक भी पैसा कम नहीं हुआ है। जब तक सेल-एक्शन पूरा नहीं होता, तब तक स्टॉक केवल कागज पर ही घटता है। इस वजह से आपको डर में शेयरों को बेचने और समय से पहले बाहर निकलने से बचना चाहिए।

पोर्टफोलियो में विविधता ही इसका जवाब है: पोर्टफोलियो में विविधता भी कोई फूल-प्रूफ उपाय नहीं है क्योंकि यह हर बार मुनाफे की गारंटी नहीं दे सकता है। हालांकि, इसका एक प्लस पॉइंट यह है कि इससे आप पर अस्थिरता का प्रभाव कम होता है। पोर्टफोलियो में विविधता के साथ, आप ओवर-एक्सपोजर का खामियाजा भुगतते हैं। उस दिशा में एक कदम म्यूचुअल फंड की तरह होगा जो स्टॉक, बॉन्ड और कैश-इक्विवैलेंट्स में निवेश करते हैं। यह सुझाव दिया जाता है ताकि आप एक निवेश क्षेत्र में बहुत अधिक निवेश करने से बचें।

अपने फाइनेंशियल प्रोफेशनल से इनपुट लें: सदियों पुरानी कहावत 'जल्दबाजी में बरकत नहीं होती' ट्रेडिंग पर भी लागू  होती है। यदि आप एक निवेशक हैं जो अच्छी तरह से सोच-समझकर निर्णय लेते हैं और इसके लिए आपकी तैयारी भी हैं तो आपके लिए इससे संभावनाएं बढ़ जाती हैं। बाजार को समझने के लिए अपना समय लें और भावनाओं के आधार पर जल्दबाजी में कोई कदम न उठाएं। यह भी उचित नहीं है कि आप किसी इंडस्ट्री इवेंट के आधार पर फैसले लें, वह भी प्रोफेशनल के इनपुट का लाभ उठाए बिना। एक वित्त विशेषज्ञ आपको निवेश लक्ष्य, जोखिम को सहने की शक्ति, और वित्तीय हालात का आकलन करने में मदद कर सकता है ताकि आप उसके अनुसार निवेश कर सकें।

अपनी आयु और रिटायरमेंट प्लान्स के आधार पर अलग-अलग असेट अलोकेशन करें यह एक ऐसी चीज है जिसे आपको एक निवेशक के रूप में जरूर देखना चाहिए क्योंकि आपकी उम्र जितनी कम होगी, उतनी ही आपकी जोखिम सहने की क्षमता अधिक होगी। यह कहना कि आप कितने वर्ष के हैं, इस आधार पर आपका टाइम होरिज़ोन निर्भर करता है। कहते हैं कि यदि आप युवा हैं, तो आपके पास अधिक समय है। दूसरी ओर, यदि आप अपने 60 के दशक में हैं, तो पूंजी को बचाए रखना आपके लिए एक प्राथमिकता होगी क्योंकि आप रिटायर होने वाले हैं।

फाइनल नोट: निवेशकों को अस्थिर बाजार के संभावित जोखिमों पर गहरी नजर रखने और सावधान रहने की जरूरत है। यदि आपके पास आजमाई हुई स्ट्रैटेजी है, तो आप निवेशित रहने का विकल्प चुन सकते हैं। हालांकि, बाजार की स्थितियों पर ध्यान दें जो अस्थिरता बढ़ने की वजह से आपके ट्रेड को प्रभावित करेंगे। ऐसे में आपको सफलता सिर्फ सही स्ट्रैटेजी, आने वाले समय के लिए तैयारी और चकित करने वाली घटनाओं से बचाव की क्षमता ही दिला सकेंगी।

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