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अखिल भारतीय अग्निशिखा मंच का 50 वां ऑनलाइन कवि सम्मेलन बड़े ही हर्षोउल्लास से आज सम्पन्न हुआ। इस काव्य गोष्ठी का ऑनलाइन आयोजन संस्था की अध्यक्षा डॉ अलका पांडेय द्वारा किया गया। मंच का संचालन दो सत्रों में किया गया। पहले सत्र में संचालनकर्ता की भूमिका अदा की अग्निशिखा की नींवधार अलका पांडेय, शायर कवि लेखक चंदेल साहिब (विक्की चंदेल) औऱ मधुर आवाज की धनी प्रतिभा पराशर ने।
इस सफल कार्यक्रम में सभी 95 प्रतिभागियों ने एक से बढ़कर एक रचनाएं विषय अग्निशिखा परिवार पर प्रेषित की औऱ अग्निशिखा परिवार की गरिमा को चार चांद लगाए।
कार्यक्रम के अतिथि विनय शर्मा, श्रीमती आशा जाकड़ और सुनील दत्त शर्मा रहे।
दूसरे सत्र को अलका पांडे, चन्देल साहिब, जनार्दन शर्मा, सुरेंद्र कुमार शर्मा और शोभा रानी तिवारी ने संभाला, सह संयोजक की भूमिका कवि आनन्द जैन अकेला ने निभाई।
निर्णायक का कार्यभार डॉ अरविंद ने बाखूबी निभाया, आभार संजय मालवी ने किया औऱ सरस्वती वंदना की चंदेल साहिब व डॉ रामस्वरूप साहू ने।


अलका पांडेय लिखती हैं - चार महीने रोज़ मिलना बातें करना, एक विशेष लगाव आपस में हो गया है।

चंदेल साहिब लिखते हैं:- सुना है जन्नत सा ख़ूबसूरत औऱ कुछ भी नहीं होता साहिब, अग़र ये बात सच है चंदेल, तो अग्निशिखा को जन्नत लिखता हूँ।

चमके हैं धूमकेतु सा यह, अग्नि शिखा परिवार।
निर्भीक पटल से जुड़े, दुनिया के कलमकार।।
कवि आनंद जैन "अकेला" कटनी मध्यप्रदेश।

अग्नि शिखा है ऐसा परिवार, बिखरी हुई प्रतिभाओ को देती सम्मान!
बराबर सब को मिलता यहाँ प्यार सिख, इसाई, हिंदू हो चाहे मुसलमान - डॉ. महताब अहमद आजाद

मैं जिस परिवार का हिस्सा हूं, अभी थोड़ा बच्चा हूं,दिखने में
मैं बड़ा हूं सही, पर दिल का बहुत कच्चा हूं।
 - शेखर रामकृष्ण तिवारी

हां करता है
हर शब्द उन्हीं के साथ रहा करता है
हर पंक्ति उन्हीं के लिए जन्म लेती है
हर छंद उन्हीं के लिए मरा करता है।
अग्नि शिखा को समर्पित पंक्तियां।
- समुन्द्र सिंह औरंगाबाद

अग्नी शिखा के मंच में, बहती है काव्य धारा।
बसते है कई यहां पे, हिन्दुस्तां हमारा।।
- गोवर्धन लाल बघेल टेढी़नारा जिला महासमुंद छत्तीसगढ़

 भाता अग्निशिखा हमें, देता अनुपम नेह।
 लॉकडाउन शुरू हुआ, सम्मेलन का मेह।।
 सम्मेलन का मेह, काव्य रस धारा बहती।
 अलका दी की सोच ,सदा उत्तम है रहती ।।
 कर अर्चना प्रणाम ,वार रवि का है आता।
 विषय सृजन बेजोड़, मधुर स्वर सबका भाता।।
- अर्चना पाठक अम्बिकापुर

साहित्य भारत बन गया,साहित्य भारत बन गया,,,,,,
स्वरचित।
ये एक सजग साहित्यकारों का मंच है
गुणी सुधी कलमकारों का मंच है
- शोभारानी

सभी रहते हैं सम भाव से,
मिलता सबको बराबर प्यार।
 - द्रोपती साहू "सरसिज"महासमुन्द, छत्तीसगढ़।

आओ नदी बन जाते हैं कविता की धार लिए ,
और मिले अग्निशिखा के सागर में अनुपम प्यार लिए ....।
 - राजेश कुमार बंजारे भाटापारा मोहभट्ठा (छ.ग.)

आज मैं अग्निशिखा मंच के सभी साथियों का,
दिल की गहराइयों से सम्मान करती हूँ।
प्रभावशाली प्रतिभा और व्यक्तित्व के धनी,
मैं आप सभी को कोटी-कोटी प्रणाम करती हूँ।।
- सुनीता चौहान हिमाचल प्रदेश

आगमन खुशियों की जीवन में मिल गई
अग्नि शिखा साहित्यिक कृति में घुल गई
अब मंजिलों की कतारें कदमों में उतरते
जीवन में भी उम्मीद शिखर फुल खिल गई
- अंकिता सिन्हा जमशेदपुर झारखंड

कवियित्री की पहचान दिलाई, हृदय को किया सुनहरा अग्नि शिखा ने प्रज्ज्वलित किया कविताओं का दीया
- चन्दा डांगी आदित्य सीमेंट चित्तौड़गढ़

हर कोई इस अचानक से हुये लॉकडाउन से हैरान परेशान सा था।
क्या करे, कब करे, कैसे करे, हर घर का यहीं फसाना था।
पर अचानक एक दिन हम लेखको के घरो पर दस्तक हो गई।
 मानो सामने आके साक्षात अग्निशिखा खड़ी हो गई।
फिर क्या था उस अग्निशिखा ने सब को एक मार्ग दिखाया।
जोड़ के देश के साहित्यकारों को अपना एक परिवार बनाया।
- जनार्दन शर्मा (आशुकवि इंदौर मध्यप्रदेश)

भिन्न भिन्न भाषा और शैली, पर कानों में मिश्री घोली,
कभी चुटीले हैं अंदाज, तो कभी कर लेते हंसी ठिठोली
मंच से जुड कर मुझे भी, खुशियां मिली है अपरंपार ,
ये है अपना अग्निशिखा परिवार।
- शोभा किरण जमशेदपुर झारखंड

जग में यूँ होता रहे, स्वप्न मेरा साकार,
सदा कारवाँ ही बढ़े अग्निशिखा परिवार,
अग्निशिखा परिवार, वार घर करे तरक्की,
सुंदर बने योजना, जैसे झील है नक्की,
सुन कुमार व्यवहार उचित हो, न होगी विपदा,
लिखते रहे अनवरत, रचना सुंदर सदा ।
- ज्ञानेश कुमार मिश्र अजमेर



 कार्यक्रम में प्रतिभागी थे:-
1) शकुंतला पावनी - चंडीगढ़
2) अंकिता सिन्हा जमशेदपुर
3) गुरिंदर गिल मलेशिया
4)रामेश्वर प्रसाद गुप्ता, मुंबई
5) डॉ ज्योत्सना सिंह
6) मंजुला वर्मा हिमाचल प्रदेश
7) डाॅ उषा पाण्डेय कोलकाता
8) ओमप्रकाश पांडेय नवी मुंबई
9)राजेश कुमार बंजारे भाटापारा
10)ऐश्वर्य जोशी कापरे
11) डॉ पुष्पा गुप्ता मुजफ्फरपुर बिहार
12 सीमा दूबे साँझ
13) रमेश चंद्र शर्मा देवास
14) कवि आनन्द जैन अकेला कटनी
15)छगनराज राव 'दीप'
16)दीपा परिहार'दीप्ति'
17)पदमा ओजेंद्र तिवारी दमोह मध्य प्रदेश
18) डा अँजुल कँसल"कनुप्रिया"इंदौर
19)इन्द्राणी साहू "साँची"- भाटापारा
20) सुनीता चौहान हिमाचल प्रदेश
21) शोभा रानी तिवारी
22)दिनेश शर्मा
23)ज्योति जलज
24)सुनीता अग्रवाल इंदौर मध्यप्रदेश
25)द्रोपती साहू सरसिज छत्तीसगढ़
26) रानी नारंग
27)मुन्नी गर्ग
28)डॉक्टर दविंदर कौर होरा
29) मधु तिवारी
30)गीता पांडेय "बेबी "जबलपुर
31)गोवर्धन लाल बघेल टेढी़नारा छत्तीसगढ़
32) सुषमा शुक्ला इंदौर मध्य प्रदेश
33) उपेंद्र अजनबी गाजीपुर उत्तर प्रदेश
34) शेखर रामकृष्ण तिवारी
35) डॉ रश्मि शुक्ला प्रयागराज
36)डा. साधना तोमर (बागपत) यू.पी.
37)हीरा सिंह कौशल हिमाचल प्रदेश
38)डाॅ. शैलजा करोडे नवी मुंबई
39)भरत नायक "बाबूजी" लोहरसिंह, रायगढ़
40)कवि शरद अजमेरा वकील भोपाल म प्र
41)चंद्रिका व्यास
42) मीरा भार्गव कटनी मध्यप्रदेश
43) पद्माक्षी शुक्ल पुणे
44)डाॅ उषा पाण्डेय, कोलकाता
45) कल्पना भदौरिया स्वप्निल
46)अश्मजा प्रियदर्शिनी पटना
47)नीलम पाण्डेय गोरखपुर उत्तर प्रदेश
48)शुभा शुक्ला निशा रायपुर छत्तीसगढ़
49)रविशंकर कोलते नागपुर
50) विनोद कश्यप चंडीगढ़
51) डॉ नेहा इल्लाहबादी
52) रजनी अग्रवाल जोधपुर
53)डॉ लीला दीवान जोधपुर
54)शोभा किरण जमशेदपुर झारखंड
55) रागिनी मित्तल कटनी मध्यप्रदेश
56)अंजली तिवारी मिश्रा छ. ग.
57) डॉ संगीता पाल कच्छ गुजरात
58) कांता अग्रवाल
59) विजय बाली जोधपुर
60)वैष्णो खत्री वेदिका जबलपुर
61) डॉ. राम स्वरुप साहू' स्वरुप'
62) आशा जाकड़
63)ज्ञानेश कुमार मिश्रा
64)डॉ मीना कुमारी परिहार' बिहार
65)अनिता शरद झा
66)समुन्दर सिंह, हसपुरा,औरंगाबाद
67) डा. महताब आज़ाद उत्तर प्रदेश
68)मधु वैष्णव मान्या जोधपुर
69) सावित्री तिवारी दमोह
70) संजय कुमार मालवी आदर्श
71)प्रतिभा द्विवेदी मुस्कान मध्यप्रदेश
72)डॉ लीला दीवान जोधपुर
73)बरनवाल मनोज अंजान धनबाद, झारखंड
74) रजनी अग्रवाल जोधपुर
75)अर्चना पाठक अम्बिकापुर, छत्तीसगढ़
76) ज्योति भाष्कर "ज्योतिर्गमय सहरसा
77)सुरेन्द्र हरडे कवि
78) मनीषा व्यास मंच संचालिका
79)डॉ ब्रजेन्द्र नारायण द्विवेदी शैलेश वाराणसी
80) गणेश निकम महाराष्ट्र
81) ममता तिवारी
82)गरिमा लखनऊ
83) जनार्दन शर्मा आशूकवि
84) मदन मोहन शर्मा 'सजल' राजस्थान
85)स्मिता धिरासरिया . बरपेटा रोड
86)वन्दना श्रीवास्तव, खारघर, नवी मुंबई
87)प्रिया उदयन, केरला
88)सुरेंद्र कुमार जोशी मध्यप्रदेश
89)मीना गोपाल त्रिपाठी कोतमा, (मध्यप्रदेश)
90)सम्पूर्णा नन्द द्विवेदी लखनऊ
91) अरविंद श्रीवास्तव
92) प्रतिभा कुमारी पराशर
93) डॉ अलका पांडेय मुंबई
94) चंदेल साहिब बिलासपुर हि. प्र.

 अलका पांडेय ने कहा कि मंच की उत्कृष्टता इसी बात से जानी जा सकती है कि यहाँ कोई भी बड़ा या छोटा नहीं सब एक बराबर है, सब एक दूसरे को सहयोग करते प्रेरित करते मार्गदर्शन करते एवं सब ने एक दूसरे को सुना व सराहा, निर्णायकों ने स्पष्ट टिप्पणी दी। सबको बहुत कुछ सीखने को भी मिला।
अभी तक 50 वें कवि सम्मेलन तक 4500 से ज्यादा कवियों ने कविता पाठ कर एक कीर्तिमान स्थापित किया है।
अग्निशिखा परिवार यह विषय इसलिए भी रखा गया क्योंकि इस मंच ने सभी रचनाकारों को एक पटल पर जोड़कर जो खट्टी मीठी यादें साझा की औऱ एक दूसरे के प्रति सम्मान आदर व स्नेह बनाया, एक दूसरे को सराहा, अपने काव्य पाठ से सभी को मंत्रमुग्ध किया।
पूरे भारत औऱ विदेश में रह रहे भाई बहनों को भी एक पटल पर लाकर खड़ा किया।
इतने लंबे अरसे से इस मंच ने एक परिवार की भांति सब को साथ जोड़े रखा तो इस सबका सारा श्रेय अग्निशिखा मंच को जाता है। इसलिए इस मंच की गरिमा औऱ शोभा बढ़ाने हेतू एक रचना कविता पाठ इसके नाम पर रखा गया, सभी रचनाकारों का यही मानना है कि 50 वें कवि सम्मेलन तक की इतिहास में यह विषय सबसे उत्तम विषय रहा।

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