कोरोना ने लोगों पर कड़ा प्रहार किया है, पूरा देश थम गया है और हर दिन मरने वालों की संख्या बढ़ जाती है। हर कोई परेशानी से गुजर रहा है और कई ऐसे प्रवासी श्रमिक हैं जो बड़ी कठिनाइयों से गुजर रहे हैं और अपने अस्तित्व के साथ जूझ रहे हैं। प्रत्येक दिन प्रवासी मज़दूरों अपने मूल स्थानों पर पहुँचने के लिए रास्ते में चलते हुए और कई दुर्घटना की सुर्खियाँ होती हैं और यह सचमुच हमारे दिल को बहुत ही तकलीफ देने वाला है। सभी के पास जरूरती सामानों का अभाव है।
हाल ही में हर कही से ऐसे तस्वीरे आरही थी जहाँ लोग जिनमें छोटे छोटे बच्चे भी शामिल है। वे सैकड़ो किलोमीटर की दूरी नंगे पैरों से तय कर रहे थे, जिसे देख किसी का भी सीना पसीज जाएगा। मनीष पॉल पहले से सामाजिक कार्यों में सहभागी होते रहे है और इस संकट की घड़ी में भी वे जितना संभव हो सकता है उतनी मदद कर रहे हैं।
मनिष इस बात का एक अनुकरणीय उदाहरण हैं कि हमें इन कठिन समय के दौरान एक दूसरे का समर्थन कैसे करना चाहिए और यह समय है जब हम इन कठिनाइयों, दर्द को एक साथ और उम्मीद से दूर कर सकते हैं।
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