राष्ट्र संत कहलाये जानेवाले रामदास स्वामी द्वारा सिखाई गयी अमूल्य बातों की विरासत को मराठी घरों की पीढ़ी-दर-पीढ़ी अपने दिलों में संभाल कर रखती आ रही है. उनके द्वारा लिखित 'दासबोध' आज के मुश्क़िल समय में भी भरपूर मार्गदर्शन का काम करती है. पर्दे पर उतारी जा रही रामदास स्वामी की जीवनी 'श्री राम समर्थ' उनके इसी तरह के मार्गदर्शन की ख़ूबियों को लोगों के सामने पेश करेगी.
नाशिक की मशहूर वकील श्रीमती विजया माहेश्वरी द्वारा संकल्पित, प्रकाश सुरवासे के अथक प्रयासों से बनी और दिशा दीपा फ़िल्म्स (दीपा सुरवासे) और विप्रा एंटरटेनमेंट (अश्विनी माहेश्वरी) द्वारा निर्मित इस फ़िल्म का पोस्टर और ट्रेलर रिलीज़ समारोह हाल ही में नाशिक के कालीदास कला मंदिर में जारी किया गया. इस ख़ास मौके पर अलका कुबल, शांतनु मोघे जैसे जाने-माने कलाकार कई अन्य स्थानीय कलाकारों और गणमान्य हस्तियों के साथ उपस्थित थे.
इस समारोह में संगीतकार श्रीकृष्ण चंद्रात्रे, त्रंबक के नगर अध्यक्ष पुरुषोत्तम लोहगावकर, फ़िल्म के निर्माता सुधीर कोलते, बडगुजर, तुषार गुप्ते, विश्वास बैंक के अध्यक्ष विश्वास ठाकुर, महर्षी फ़िल्म संस्था के निशिकांत पगारे, प्रो. सोमनाथ मुठाल आदि जैसी हस्तियों ने भी शिरकत की. अपने विस्तृत ज्ञान और भगवान राम में गहरी आस्था के बल पर सिद्धी पानेवाले संत को 12 साल के छोटे बच्चे द्वारा 'शुभ मंगल सावधान' जैसी पंक्ति का मतलब समझाना समर्थ रामदास स्वामी की ज़िंदगी का सबसे विलक्षण पहलू रहा है.
इस फ़िल्म में ये भी दर्शाया जायेगा की किस तरह से वो महिला सशक्तिकरण और उनके आत्मसम्मान के सबसे बड़े हिमायती थे. तकरीबन 400 साल पहले उन्होंने कहा था कि कैसे स्वच्छ पर्यावरण की परिकल्पना एक स्वच्छ समाज की अवधारणा तय करती है और उनकी कही ये बातें आज भी सामायिक हैं. जब भी समाज अपने कर्तव्य पथ से हट जाया करता था तो वो उसका विचारणीय ढंग से मार्गदर्शन किया करते थे.
इस फ़िल्म में वास्तविकता की बेहतरीन झलक देखने को मिलेगी जिसका श्रेय जीवंत अंदाज़ में अभिनय करनेवाले फ़िल्म के धाकड़ कलाकारों को जाता है. ये फ़िल्म महज़ रामदास स्वामी की जीवनी नहीं है, बल्कि इस फ़िल्म के ज़रिये आज के सामाजिक हालातों पर भी टिप्पणी की गयी है जिसे व्यंग्यात्मक अंदाज़ में पेश किया जायेगा. इस फ़िल्म में दर्शायी गयीं ऐतिहासिक घटनाएं अच्छे शासन और नेतृत्व के बारे में भी बड़ी साफ़गोई से बातें करती हैं.
संतोष तोडनकर के निर्देशन में बनी फ़िल्म 'श्री राम समर्थ' की प्रस्तुतकर्ता हैं भारती जुंभरलाल राठी और संजय राठी. इस फ़िल्म की कहानी, स्क्रिप्ट और संवाद लिखे हैं प्रकाश जाधव, मनोज येरुणकर और विट्ठल अंबुरे ने. फ़िल्म का छायांकन किया है समीर अठले ने, संपादन की ज़िम्मेदारी संभाली है सुबोध नारकर ने, कला का जादू दिखाया है महेंद्र राउत ने तो फ़िल्म का संगीत पक्ष संभाला है महेश नाईक और संजय मराठे ने.
'श्री राम समर्थ' जल्द ही दर्शकों के सामने होगी जिसमें एक आदर्श और संतोषकारी ज़िंदगी के लिए ज़रूरी और बुनियादी पहलुओं को रेखांकित किया गया है. समझदार दर्शकों के लिए ये फ़िल्म यकीनन मनोरंजक साबित होगी, उन्हें प्रबुद्ध बनायेगी और उनका उत्साहवर्धन भी करेगी. इस समारोह के बाद वहां मौजूद लोगों ने बताया कि किस तरह से अब वो फ़िल्म के जल्दी रिलीज़ होने का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं और उन्होंने ये भी उम्मीद जताई कि ये फ़िल्म समय से पहले रिलीज़ हो जाये.
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