दुर्ग : मुंबई में रहने वाली एवं दुर्ग में पली बढ़ी कवयित्री रजनी साहू के काव्य संकलन “सहस्त्र धारा” का विमोचन अखिल भारतीय अग्निशिखा मुम्बई के तत्वावधान में दुर्ग स्थित धमना नाका के पास 28 अप्रैल को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सभागृह में सम्पन्न हुआ। इस समारोह की अध्यक्षता प्रसिद्ध लघु कथाकार श्रीमती उषा अग्रवाल ने की एवं मुख्य अतिथि मुम्बई से पधारे अठन्नी वाले बाबू जी से चर्चित हुए अकादमी पुरस्कार प्राप्त युवा साहित्यकार कवि पवन तिवारी थे। विशिष्ट अतिथि अग्निशिखा मंच की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती अलका पांडे, श्रीमती सरला शर्मा एवं वक्ता के रूप में दुर्ग जिला साहित्य समिति दुर्ग के अध्यक्ष श्री अरुण निगम और हरी भूमि के संपादक एवं लोक कला एवं साहित्य समिति संस्था सिरजन इकाई दुर्ग के अध्यक्ष श्री दीन दयाल साहू ने अपने विचार रखे।
रजनी साहू ने अपने प्रथम पुस्तक लोकार्पण के अवसर पर भावुक होते हुए कहा कि मैंने अपने अंतर नम के भावों को बस शब्द भर दिया है। इसमें कितनी कविताई है मैं नहीं जानती। मुझे इस बात की खुशी है कि मेरी पुस्तक का लोकार्पण मेरी जन्म भूमि दुर्ग में मेरे माता पिता, स्वजनों मित्रों के बीच हो रहा है। इसे ही में उपलब्धि मानती हूँ। बाकी कविता के आलोचकों व समीक्षकों पर छोड़ती हूँ। मुख्य अतिथि पवन तिवारी ने कहा कि रजनी की कविताओं में अतुकांत होते हुए भी एक प्रवाह है। इनकी कविताओं में तत्सम शब्दों के अनुपम प्रयोगों के साथ प्रगीतात्मकता भी है। इनकी कविताओं में भारतीय संस्कारों, परम्पराओं से जुड़ी सूक्ष्म संवेदनाओं के साथ विद्रूपताओं पर भी पर प्रहार है। जो एक सच्चे रचनाकार की पहचान है। वरिष्ठ साहित्यकार ऊषा अग्रवाल ने कहा कि रजनी की कविताओं में नए बिम्ब हैं। उन्होंने अपनी कविता के माध्यम से बड़े विषयों को सरलता से कविता में ढाल दिया है। अलका पांडेय ने कहा कि रजनी साहू की कविताएं हमें तनिक ठहर कर विचार करने को प्रेरित करती है। अन्य वक्ताओं ने भी सहस्त्र धारा पर अपने विचार रखे। लोकार्पण समारोह का संचालन बस्तर पाती के संपादक श्री सनत कुमार जैन ने किया । इस अवसर पर छत्तीसगढ़ी भाषा की पहली बायोपिक ' दाउ मंद्राजी ' के पोस्टर का विमोचन भी हुआ।
कार्यक्रम के अंत में श्री टीकाराम साहू ने आयोजन में आये सभी अतिथियों का आभार प्रकट किया।
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