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- कनक यादव

   वीर सैनिकों के पराक्रम को हम सलाम करते हैं वह बहुत दुखद घड़ी थी जब हमारे वीर अमर जवान की शहादत हुई थी और आज बहुत खुशी की घड़ी है जब हमने उनकी तेरहवीं हर्षोल्लास से मनाई है दुश्मन के घर में घुसकर दुश्मन के अड्डों को उड़ाया है ! यह पराक्रम है हमारे वायु सेना का जिन्होंने तिनको की तरह उड़ा दिया तेरा घरौंदा है , क्यों लड़ रहा है उस देश से जो तुझे पल भर में कुचल देगा ! हम से ही निकला है इसलिए तुझको संभाल कर चल रहे हैं ! मत उकसा मुझे जो क्रोध आ गया तो मिट्टी में मिल जाएगा ! ढूंढते रह जाओगे उस निशा को जहां तुम कभी पन पर थे ! मुझसे ही उत्पन्न हुआ है , मैं ही विलीन भी कर सकता हूं ! यह देश है मेरा जो शांति है का प्रतीक है , सद्भावना का प्रतीक है , समर्पण का प्रतीक है , प्यार का प्रतीक है त्योहारों का प्रतीक है , मत सुलगा क्रांतिकारी की चिंगारियां हमारा तो कुछ नहीं बिगड़ेगा तू खाक में मिल जाएगा ! रोक ले उन गुनहगारों को उन दहशतगर्दों को जो तेरी ही धरती पर तेरा विनाश करने पर तुले हैं । अपनी बुद्धि को जागृत कर , ईश्वर के मार्ग पर चल , खुद को बना और अपने लोगों को संभाल ! वरना कहीं ऐसा ना हो कि तुझे कोई भीख भी ना दे ! यह देश मेरा दरिया दिल है पर इस देश की दरियादिली को यूं ना ठेस पहुंचा ! युगो युगो से खड़ा है मेरा देश ! कितनी ही लड़ाइयां देखी इसने , कितने ही युद्ध देखें , कितनों ने हम पर राज किया ! वह ना हमें मिटा सके तो तू क्या हमें मिटाएगा । जब तक है इस देश में वीर जवानों की फौज तब तक तू क्या हमें मिटाएगा । यह हिंद है , हिंद को कोई ना मिटा सका है , ना कोई मिटा पाएगा । जय भारत माता की । जय हिंद । जय हो वीर सपूतों की । जय हो इस देश के लोगों की

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