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कोकिलाबेन अंबानी हॉस्पिटल मना रहा है 'गौरवपूर्ण दशकपूर्ति'

रोटी, कपड़ा, और मकान की तरह देश में अस्पताल भी जरुरी: अमिताभ बच्चन

मुंबई, 29 जनवरी 2019 :  भारत के सबसे बड़े मल्टीस्पेशलिटी स्वास्थ्य संस्थानों में से एक कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल (केडीएएच) एंड मेडिकल रिसर्च इंस्टिट्यूट को आज दस साल पुरे हुए। भारत में स्वास्थ्य, चिकित्सा सेवाओं में महत्त्वपूर्ण परिवर्तन लाने की वचनबद्धता का पालन यह अस्पताल पिछले दस सालों से निरंतर निभाता आ रहा है।  चेयरपर्सन श्रीमती टीना अंबानी और नामचीन अभिनेता अमिताभ बच्चन, डॉ अलका मांडके, गोदरेज समूह के आदी गोदरेज, जया बच्चन, लोकमत समूह के विजय दर्डा इस अवसर पर उपस्थित थे।
कोकिलाबेन अंबानी हॉस्पिटल, चेयरपर्सन, श्रीमती टीना अंबानी ने बताया कि, "पिछले दस सालों में हमने भारत में स्वास्थ्य सेवा में सुधार लाने की वचबद्धता का पालन किया है, हम प्रयास करते आ रहे हैं कि, स्वास्थ्य सेवाएं अधिकतम लोगों को उपलब्ध हो, लोगों में जागरूकता बढे,  हम सर्वोत्तम तकनीक के उपयोग के लिए आग्रही है, विश्व के सर्वोत्तम चिकित्सा प्रणालिओं का पालन करते हैं।  हमारी तरह कार्यरत एक ही विचारधारा की अन्य संस्थाओं के साथ मिलकर हम एकात्मिक वातावरण का निर्माण करना चाहते हैं।  आज के इस महत्त्वपूर्ण अवसर पर हम हमारी वचनबद्धता को दोहरा रहे हैं, सेवा और करुणा को अधिकतम लोगों तक पहुँचाना, अधिकतम कठिन प्रयास करना और भारतियों को सर्वोत्तम स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना।
अपनी पुरानी याद को दोहराते हुए अमिताभ बच्चन ने कहा,'' रोटी, कपड़ा, और मकान की तरह देश में अस्पताल की भी जरुरत है। इस अस्पताल के कुछ पहलू भी बच्चन ने उजागर किये अनिल और टीना अंबानी ने यहाँ सर्वोत्तम सुविधा मुहैया कराई है। जब मरीज उपचार हेतु यहाँ आता है तो उसे पूरा विश्वास होता है कि वह सही जगह पर इलाज कराने आया है। जब कुछ साल पहले मई भी बीमार था तब अनिल अंबानी ने मुझे धैर्य दिया।
अंबानी हॉस्पिटल, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, डॉ राम नारायण ने कहा कि, “कोकिलाबेन हॉस्पिटल ने पिछले एक दशक में चिकित्सा क्षेत्र में सर्वोत्तम प्रदर्शन और संशोधन पर जोर देते हुए गौरवपूर्ण काम किया है। आनेवाले सालों में हम क्लिनिकल प्रदर्शन को सर्वोत्तम बनाने में नई बुलंदिओं को छूने के लिए प्रयास करेंगे, देश के लिए लाभकारी संशोधन कर इस क्षेत्र की कमजोरिओं को दूर करेंगे, उसके लिए नए प्रोग्राम्स शुरू करेंगे।
देश में स्वास्थ्य सेवा के प्रति अपनी वचनबद्धता को आगे बढ़ाते हुए केडीएएच ने वर्ष 2020 तक इंदौर और रायपुर में दो नए अस्पताल शुरू करने की घोषणा की है। महाराष्ट्र में 18 कैंसर सेंटर शुरू करने की पहल में अकोला और गोंदिया में दो सेंटर शुरू किए जा चुके हैं, जल्द ही मार्च तक सोलापुर में तीसरा सेंटर शुरू किया जाएगा।  सूरत और राजकोट की क्लिनिक्स और टेलीमेडिसिन सेंटर्स 2016 से चलाई जा रही हैं।
बाल ह्रदय संबंधी विज्ञान और कैंसर में क्लिनिकल संशोधन के लिए कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल एंड मेडिकल रिसर्च इंस्टिट्यूट और बोस्टन चिल्ड्रेन्स हॉस्पिटल, मेमोरियल स्लोअन केटरिंग कैंसर सेंटर और यूएसए के नैशनल कैंसर इंस्टिट्यूट के बीच चर्चा हो रही है।  देश में चिकित्सीय संशोधन को आगे बढ़ाते हुए इस इंस्टिट्यूट ने 112 रिसर्च प्रोजेक्ट्स, 22 अंतर्राष्ट्रीय मल्टीसेंट्रिक ड्रैग ट्रायल्स किए हैं और इंटरनैशनल रिसर्च जर्नल्स में 138 रिसर्च पेपर्स प्रकाशित किए हैं।  विल्सन डिजीज पर किए जा रहे संशोधन में विश्व के अग्रणी संस्थानों में से यह एक है, उन्होंने विलसन्स डिजीज में भारतीय मरीजों के लिए विशेष रूप से जेनेटिक म्यूटेशंस को खोज निकाला है।
भारत में स्वास्थ्य सेवा में अग्रसर रहते हुए इस अस्पताल में हर साल 265000 आउटपेशेंट केसेस और 40000 से भी अधिक इंपेशन्ट केसेस आती हैं, इनमें से 20% मरीज विदेशों से आते हैं।  7000 से अभी अधिक बच्चों पर हार्ट सर्जरी की जा चुकी है इनमें से 60% बच्चें 30 दिनों से भी कम आयु के थे।  इस अस्पताल ने 97% केसेस में सफलता हासिल की है जो कि यूएसए के बोस्टन चिल्ड्रेन्स हार्ट हॉस्पिटल के बराबरी का है। 2018 में इस अस्पताल में 600 रोबोटिक सर्जरी  की गई, देश में यह सबसे नया प्रोग्राम है जो यह अस्पताल चला रहा है।

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