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सोनू के टीटू की स्वीटी फिल्म कैसे मिली ?

मुझे पहले पता ही नहीं था कि फिल्म का नाम क्या है ,वैसे भी फिल्म का नाम प्यार का पंचनामा नहीं था, इसफिल्म का नाम भी काफी अलग है और फिल्म भी दर्शकों को आश्चर्यचकित करेगी ।

अपने बारे में बताएं 

मैं मुंबई से ही हूँ, मेरे पापा एक्शन डायरेक्शन में पिछले 35 साल से हैं । हमेशा से अक्षय कुमार और अजय देवगन सर को देखते हुए बड़ा हुआ हूँ । बचपन से ही एक्टर ही बनना चाहता था । हर तरह की क्लासेस भी मैंने ली हैं ।मैं लकी हूँ की लव रंजन सर की फिल्म से मेरी शुरुआत हुई ।

पापा की किन फिल्मों के शूट पर गए हैं ?

मैं शर्मीला इंसान हूँ तो ज्यादा नहीं गया । मेरे दोस्त मुझे कहते हैं कि मैं काफी सीधा हूँ ।मैं विजयपथ  फिल्म की शूटिंग पर गया था । वहाँ सेट पर मैंने एक शेर के साथ फोटो भी खिचाई थी । मेरे पापा एक्शन कहते थे,याद रहता था । पहले एक्शन करना बहुत मुश्किल होता था । वहाँ से काफी अनुभव मिला । पापा मुझसे पूछते थे कि कर लोगे ना, क्योंकि बहुत मुश्किल काम है ।

पापा की सलाह क्या थी ?

पापा हमेशा से चाहते थे की मैं हीरो बनूँ, पापा का वह सपना है । वो एक्शन डायरेक्टर हैं लेकिन उन्होंने मुझे बता दिया था कि अगर आप ध्यान लगाओ तो काम जरूर मिलेगा ।
अजय देवगन से कैसे रिश्ते हैं ?

मैं उन्हें भैया बुलाता हूँ, उनसे सीखने को बहुत कुछ मिलता है ।उनकी शादी में भी गया था । पारिवारिक रिश्ता रहा है, वो मेरे लिए प्रेरणा भी हैं , घर  भी आनाजाना है । वे बहुत ही अच्छे इंसान हैं ।

आपको दिल तो बच्चा है जीकैसे मिली ? 
कुमार मंगत जी एक प्रोड्यूसर और फॅमिली फ्रेंड भी हैं,मैं ऑडिशन पर जाया करता था । मैंने दिल तो बच्चा है जी के लिए भी ऑडिशन दिया था और सेलेक्ट होने पर बहुत खुश हुआ ।
और कोई  फिल्म याद आती है ?
मैंने एक फिल्म की थी प्रणाम वालेकुम, जो  रिलीज नहीं हुयी, उसमें पापा के फ्रेंड संजय मिश्रा जी थे । कुछ कारणों से वो पूरी नहीं हो पायी । उसी दौरान मैं कास्टिंग डायरेक्टर विकी सिदाना से मिला । उन्होंने मुझे कुमार जी के ऑफिस जाने के लिए प्रेरित किया और  लव रंजन सर की फिल्म 'आकाश वाणी' मिली ।
लव रंजन के बारे में बताएं ?   वो परफेक्ट और करेक्ट हैं, उनकी एक एक बात इतनीपरफेक्ट होती है की मैं क्या बताऊँ । हमेशा व्यस्तता में भी मेरी बातें सुनते हैं । उन्होंने मुझसे बेस्ट करवा लिया है ।

संतोष साहू

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